Menu
blogid : 63 postid : 27

बिना इमोशनल फीलिंग की इंग्लिश गालियां

Hindi Blogs Jagran Junction
Hindi Blogs Jagran Junction
  • 13 Posts
  • 36 Comments

एक गाने में बुलशिट आ गया है। बुलशिट बुलशिट। अक्षय कुमार पांव पटक कर जब बुलशिट बोलते हैं तो संगीत निकलता है। इंग्लिश वाइन की तरह इंग्लिश गालियां भी क्यूट लगती हैं। दिल्ली आकर बास्टर्ड और रास्कल से साक्षात्कार हुआ था। लेकिन इन गालियों से सांस्कृतिक सामाजिक संबंध न होने के कारण गाली विरोधी स्वाभिमान को ठेस नहीं पहुंचती थी। कोई किसी को बास्टर्ड बोले या रास्कल बोले लगता था कि क्विन विक्टोरिया का मेडल ही होगा। बकने दो गालियां। ऐसा क्यों होता है कि इंग्लिश की गालियों पर प्रतिरोध कम होता है। हिन्दी की भदेस गालियां सर फोड़ देने के लिए प्रेरित करती हैं।

बचपने में एक शादी में गया था। तिलक के बाद औरतें नाम पूछ पूछ कर लाउडस्पीकर से गालियां दे रही थीं। मां-बहन स्तर की गालियां। भात के मौके पर खाया नहीं गया। जब भी मेरा नाम आता और सामूहिक स्वर में गालियां उच्चरित होते हुए लाउडस्पीकर से प्रसारित मेरे कानों तक पहुंचती तो डरता देख बड़का बाबूजी कहते थे, खा न। गाली तो आशीर्वाद है। यही समाज है समझो इसको। अंदर औरतें झूम रही थीं। खिलखिला रहीं थीं। हर नाम के साथ जो गालियां मर्दों को लौटा रही थीं उसका उत्सव देखने लायक था। मर्दों की बनाई गालियों को रिटर्न गिफ्ट के तौर पर लौटाना। जैसे जैसे भात और पापड़ कड़क होते जा रहे थे औरतों के उत्साह भी बढ़ता जा रहा था. एक से एक गालियां। शरीर के सभी भौगोलिक प्रदेशों के नाम से गालियां। कहां कहां से तिलक का घटिया सामान घुसेड़ने से लेकर कुछ शालीन स्वर वाली गालियां भी थीं। किसी को बुरा नहीं लग रहा था। बाबूजी भीतर गए और बोले कि ठीक से गरियाईं रउवा लोगन। गाली में दम नहीं है। आइये हमारे यहां। देखिये हमारे यहां की गालियां।

अब ऐसे संस्कारों में मेरे लिए गाली वर्जना नहीं है। गांव में दुर्योधन मियां ब थीं। ब का मतलब पत्नी से है। दुर्योधन मियां की पत्नी और एक बूढ़ी काकी। दोनों का मुंह खुलता था और गालियां बरसती थीं। गांव में घुसते ही बोलती थीं रे बहिनचोदवा शहरे में रहबे का रे। गड़ियां में समूचा टाउन(शहर)घुसल बा तोहार। अइबे न काकी के देखे। मैं गिड़गिड़ाने लगता था कि काकी मुझे छोड़ दो। काकी गोद में बिठा कर बालों को सहलाने लगती थी और फिर गाली देने लगती थी। गांव जाते ही लगता था कि काकी को पता न चले। वो सबको गाली देती थी। पूरे गांव में उनकी गालियों की सामाजिक स्वीकृति थी। कोई इस बात से भी परेशान नहीं था कि इनकी सार्वजनिक गालियों से बच्चों की ज़ुबान बिगड़ सकती थी।

भोजपुरी समाज में गाली का विश्लेषण आप मर्दवादी सांस्कृतिक उत्पादन के तौर पर कर सकते हैं। करते भी रहिए। लेकिन पारिवारिक माहौल में भी गालियां दी जाती हैं। बड़े बुज़ुर्गों के साहचर्य में जिन गालियों को सुना है उन्हें अगर दोहरा दूं तो बास्टर्ड,रास्कल और बुलशिट जैसी ग्रेटर कैलाश टाइप गालियों की हवा निकल जाएगी। औरतों को बुरा न लगे कि मुझे इंग्लिश की गालियों में मौगई की झलक मिलती है। हिन्नी भोजपुरी की गालियों में मर्दानगी झलकती है। बात भी ठीक है कि गालियां मर्दवादी सृजन हैं। पर जो है सो है। औरतों को भी मर्दों के खिलाफ गालियों का सृजन करना चाहिए। नारीवादी आंदोलनों ने किया क्या आज तक। वैसे इंग्लिश में कुछ नारीवादी गालियां हैं जिनमें मर्दानगी को चुनौती दी जाती है। बॉल्स।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh